Monday, August 25, 2008

मानसीचा चित्रकार...

हे नवीन व्यसन- Facebook वरच्या 'ग्राफ़िटी'चं. एका वेळी एकाच छटेचा ब्रश वापरता येतो. Photoshop च्या सोयी नाहीत. माऊस पण खूप त्रास देतो. तरीही अक्षर जसंच्या तसं ठेवायचा आटोकाट प्रयत्न केला आहे....
ही चित्रं टप्प्याटप्प्याने घडतांना पहायला play बटणावर क्लिक करा.

१) रुक्मिणीची व्यथा








२) भय इथले संपत नाही, मज तुझी आठवण येते...






Monday, August 11, 2008

वंदे मातरम!

वेदमंत्रों से है बढ़कर वंद्य वंदे मातरम!

मंत्र से एक मुल्क मुर्दों का हुआ था उठ खड़ा,
निर्दयों से शांतिवादियों का था पाला पड़ा,
अब निहत्थों को मिला था शस्त्र वंदे मातरम!


मां की रक्षा के लिए थी यज्ञ की ज्वाला उठी
लाखों वीरों ने चढ़ाई उसमें अपनी आहुति
आहुति से सिद्धि पाया मंत्र वंदे मातरम!

मंत्र यह जिसने बनाया जिसने गाया और जिया
हर हुतात्मा देव बन कर स्वर्ग को भी पा गया
आरती में उनकी गाएं गीत वंदे मातरम्!

-Yogesh
(A tranlsation of a Marathi song based on Vande Mataram)